CITIZENSHIP AMENDMENT BILL असल में हैं किया ? पढ़िए पूरी जानकारी

CITIZENSHIP AMENDMENT BILL असल में हैं  किया ? पढ़िए पूरी जानकारी

                                                                                               CREDIT GOES TO: IJABULHOQUE                                                                                                                                          
एक सेकंड के लिए IMAGINE करो की आप एक बोट(SHIP) में सफर कर रहे हो | और आपको अचानक से एक चीख सुनाई पड़ती हैं और आपको समुन्दर में 2 इंसान दिख रहा हैं जो कि समुन्दर में तैरने लग रहा हैं | आपकी तरफ इशारा कर रहा हैं की हम दोनों को बचालो और चिक चिक कर के कहती हैं कि हमारी बोट(SHIP) डूब चूका हैं हम दोनों को बचा लीजिए.|आप देखते हैं की, आपकी बोट में जगा है की नहीं उन दोनों को बचाने के लिए | आपको दीखता हैं की काफी जगह हैं आराम से 4-5 लोग बैठ सकता हैं आपकी बोट में ,और आप आरामसे इन दोनो को बचा सकते हैं,अब एक सवाल खड़ा होता हैं यहापर ? की किया आप दोनों को बचायेंगे या नहीं.!! OBVIOUSLY दोनों को बचाएंगे आप!!!





लेकिन मैं आपको बता दू की उन दोनों में से एक आदमी हिन्दू हैं और एक लोग मुसलमान हैं , किया आप तभ भी उन्दोनो को बचाएंगे???आपके पास जगा हैं इन दोनों को बचाने की OBVIOUSLY अप्प दोनों को ही बचाएंगे , इसमें धर्म देखने की किया जरुरत हैं.


लेकिन अगर मैं आपको यहाँ पे बता दो दोस्तों की आप सिर्फ हिन्दू को बचाते हैं कियुँकि आप एक खुद हिन्दू हैं ,आप मुस्लमान को वहीं पड़े रहने के लिए छोड़ देते हैं | और आप मुस्लमान को बताते हे कि भाई तू WAIT कर यहापर तुझे भी कोई न कोई मुस्लमान बोट वाला मिल जाएगी तुझे बचने के लिए | वो तेरेको बचा लेंगे | OBVIOUSLY  मुस्लिम     जो हैं वो केह्गा की इसमें भी धर्म देखने वाला किया चीज़ हैं भाई अगर अप्प हम दोनों को बचा सकते हो तो | 



ये जो MATTER मैंने आपलोगोंको बताया ये BASICALLY  SUMMERISE करता हैं सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल(CITIZENSHIP AMENDMENT BILL) 2019 को | जो हालही में लोकसभा में पास किया गया | ये BILL कहते हैं की अगर कोई इंसान HINDU,SINGH,BUDDHIST,JAIN,CHRISTAN,PARSE, COMMUNITY से BELONG करता हैं जो 31ST DECEMBER/2014 से पहले INDIA का रहनेवाला कोई भी बेक्ति अगर उसी जगह पे अपना नागरिकत्वों चाहे तो उसे नागरिकत्वों दे दिया जायेगा |और अगर कोई भी बेक्ति जो की HINDU,SINGH,BUDDHIST,JAIN,CHRISTAN,PARSE इन धर्म से BELONG करता हैं और वह इंडिया में आके भारत का सिटीजनशिप मांगे तो उसे भी  नागरिकत्वोंदे दिया जायेगा . और वो सब सिर्फ (AFGANISTAN,PAKISTAN AUR BANGLADESH) इन देश से .BELONG करना जरुरी हैं 


सुननेमें तो ये बहत ही लॉजिकल लगेगा लेकिन ऐसे भी बहत सारी कम्युनिटी इन देशों में रहता हैं जिनके ऊपर भी टॉर्चर होता हैं,इनको भी मदत की जरुरत हैं | कहने के लिए  तो ये लोग मुस्लिम हैं लेकिन PAKISTAN,BANGLADESH में भी इन लोगोंके के ऊपर टॉर्चर होता हैं |ये कहकर कि ये लोग मुस्लिम्स कम्युनिटी से बेलोंगस(belongs)  नही करता|



ATHEIST को भी टॉर्चर मिलता हैं काफी सारी इस्लामिक COUNTRIES मैं | लेकिन इस बिल में इन पर्सिक्यूटेड माइनॉरिटीज(persicuted minorities) के लिए कोई सुबिधा नही हैं | तो ये बिल सेलेक्टिवेली (selectively)कुछ धर्म को बचा रहा हैं, कुछ comunities को बचा हरा हैं और कुछ को यहापर IGNORE कर रहा हैं | 
लेकिन अब्ब सवाल खड़ा होता हैं ATHEIST को लेकर जो लोग किसीभी धर्म मैं BELIEVE नहीं रखते हैं | दूसरा ये की अगर हम धर्म को लेकर भेद भाब करने लग जाय तो इंडिया को एक SECULAR COUNTRY नही कहा जायेगा | अगर ऐसा हो जायेगा तो इंडिया की जो international reputation हैं वो निचे गिरके कचरा हो जायेगा | भारत के INTERNATIONAL REPUTATION  पाकिस्तान तक गिर जायेगी,  यानि की वो देश जो अपनी COUNTRY को RELIGION की BASES पर DEFINE करते हैं.




अब देखिये दुनिया भर में जो जो COUNTRY अपने देश को धर्म के BASED पे DEFINE करता हैं,जिस देश मैं
धर्म सबसे ऊपर हैं,हालत देखि हैं उन COUNTRY की,सबसे निचे गिरते हुएCOUNTRY हैं वो DEVELOPMENT के नाम पर | दुनिया की TOP COUNTRY को अगर आप देखेंगे DEVELOPMENT  के नाम पर EUROP हो गए AUSTRALIYA,US,JAPAN,ETC.


PERSICUTED MINORITIES अगर लिखते तो शायद किसीको कोई PROBLEM ही नही होता,लेकिन ये लोग जान बुजके INTENTIONALY धर्म के नाम लिए ताकि लोगो को DIVIDE कर सके | INDIA के FREEDOM FIGHTERS Mahatma Gandhi, Subhas Chandra Bose,Vallabhbhai Patel, sahid
bhagat singh, एक नही चाहता था की देश हिन्दू राष्ट्र बने | सबके सब SECULAR लोग थे,,ये लोग हिन्दू और मुस्लिम को
EQUAL TREATMENT देना चाहते थे | 

                                                                                                                                     CREDIT GOES TO : IJABUL HOQUE










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